सेवा दुनिया में सबसे बड़ा पुरूषार्थ है। दूना पुण्य मिलता, यदि होती नि: स्वार्थ है। सेवा दुनिया में सबसे बड़ा पुरूषार्थ है। दूना पुण्य मिलता, यदि होती नि: स्वार्...
आज उसे अपने ही घरों में रहने का अधिकार नहीं है। आज उसे अपने ही घरों में रहने का अधिकार नहीं है।
देश की किताबों में, उन शहीदों को आतंकवादी लिखने वालो की कोई स्याही खत्म कर पाता, काश उन कुर्बानियों ... देश की किताबों में, उन शहीदों को आतंकवादी लिखने वालो की कोई स्याही खत्म कर पाता,...
माता पिता को तन्हा छोड़ घर में, दोस्तों संग पार्टियों में मशरूफ रहते। माता पिता को तन्हा छोड़ घर में, दोस्तों संग पार्टियों में मशरूफ रहते।
मत बंटना तू हे इंसान मत बंटना तू हे इंसान
बहुत कुछ मैं पायी हूँ, फिर भी मैं पराई हूँ। बहुत कुछ मैं पायी हूँ, फिर भी मैं पराई हूँ।